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जिले के किसानों की बदहाली का मुद्दा उठायेगे केन्द्र में

महोबा। सूख से कराह रहे बुन्देलखण्ड के किसानों से रुबरु होकर उत्तर प्रदेश सरकर के बहुचर्चित आईएस सूर्य प्रताप सिंह ने जमीनी हकीकत परखी और परेशान किसानों को भरोसा दिलाते हुये कहा कि बुन्देलखण्ड की जमीन सूखा होने के कारण बंजर हो चुकी है और खेत न बुवे होने के कारण यहां के किसान पलायन कर रहे है।

बुन्देलखण्ड के परेशान किसानों का मुद्दा केन्द्र में उठाया जायेगा और किसानों की लडाई जोशोखरोश के साथ लडी जायेगी। जिससे किसानों को राहत मिल सके। गौरतलब है कि बुन्देले किसानों की हकीकत जानने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार के बहुचर्चित आईएस सूर्य प्रताप ने सोमवार को कबरई विकासखण्ड के गांव में पहुंच किसानें से रुबरु हो जमीनी हकीकत परखी है। बिलरही तिगैला पर उपस्थित किसानों से वार्ता की जहां किसानों ने बताया कि पानी न बरसने के कारण सारी कृषि भूमि बंजर पडी हुई है। उसके बाद कस्वा श्रीनगर पहुंच सदमे से मौत हो जाने वाले किसान के घर पहुंचकर उनके परिजनों को ढांढस बंधाते हुये कहा कि खेती न बुवी होने के कारण सदमें से मौत हुई किसान की बात केन्द्र में रखी जायेगी और मृतक किसान के परिजनों को राहत राशि दिलाने का काम किया जायेगा।

बिलरही गांव में भी आईएस ने पहुंच मृतक किसान छिदुवा व जानकी बाई के घरों में पहुंच परिजनों को भी ढांडस बंधाया तथा उन्हें भी विश्वास दिलाते हुे कहा कि केन्द्र में सदमे से मौत हो जाने वाले किसानों की बात उठायी जायेगी और उन्हें आर्थिक मदद दिलाई जायेगी। वहां के किसानों ने शिकायत करते हुये अवगत कराया कि भूमि संरक्षण विभाग द्वारा किसानों की भूमि सिंचित करने के लिये चेकडेम ऐसी जगह बनाया है कि जहां किसानों के सिी भी उपयोग का नही है और न ही उस चेकडेम से किसानो को पानी मिल पाता है।

विभाग द्वारा लाखों की लागत से बनाया गया चेकडैम किसानों के लिये नाकाम साबित हो रहा है। बने चेकडेम का भी उन्होने पहुंचकर निरीक्षण किया। उसके बाद उर्मिल बांध पर पहुंच पानी की हकीकत परखी। वही पास में स्थित भाजपा सांसद द्वारा कामधेनु योजना के तहत बनाये जा रहे प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। उसके बाद किसोरगंज में उपस्थित किसानों से वार्ता की।

भडरा गांव में भी पहुंचकर उपस्थित किसानों से वार्ता की जहां परेशान किसानों को भरोसा दिलाया कि क्षेत्र का निरीक्षण किया हैं 75 प्रतिशत से अधिक कृषि भेमि बंजर पडी है और खेती बुवी न होने के कारण यहां का किसान अपने व परिवार के भरण पोषण के लिये पलायन कर रहा है। बुन्देलखण्ड में किसानों को आर्थिक मदद दिलाये जाने की आवश्यकता हैं। जिले के किसानों की समस्या केन्द्र सरकार के समक्ष उठायेगे और यहां के परेशान किसानों को लाभ दिलाने के प्रयास किये जायेगे।

 

 

चित्रकूट में हो पर्यटन का विकास, रामगमन मार्ग बने चित्रकूट से मैहर तकः सांसद

बांदा। लोकसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र में प्रश्न काल के दौरान बाँदा चित्रकूट सांसद भैरों प्रसाद मिश्र ने आज केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा से चित्रकूट में पर्यटन विकास योजना के अन्र्तगत किये जा रहे विकास कार्यो के विषय में प्रश्न पूछा व रामगमन मार्ग योजना मे मैहर को सम्मिलित करने की मांग की।
सांसद ने चित्रकूट को देश के प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में प्रस्तुत करते हुये वहाँ की महत्वता व इतिहास के विषय में बताते हुए वहाँ किये जा रहे विकास कार्यो व योजनाओं के बारे में जानकारी मांगी। पर्यटन मंत्री ने सांसद जी के प्रश्न का उत्तर देते हुये बताया कि केन्द्र सरकार ने व उनके मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत रामायण दर्शन योजना में चित्रकूट को व आयोध्या को सम्मिलित किया है। इसके अन्तर्गत 309.88 लाख की योजना रामघाट व अन्य स्थालों के विकास व 361 लाख की योजना कामदगिरि परिक्रमा के लिये स्वीकृत प्रदान की गयी है। इसी क्रम में रामगमन मार्ग की भी योजना है। जिसमें नेपाल से आयोध्या से होकर चित्रकूट आयेगा। जिससे उस योजना का भी लाभ चित्रकूट को होगा।
सांसद ने रामगमन मार्ग योजना की सराहना करते हुये इस मार्ग को मैहर तक विस्तार करने की मांग पर्यटन मंत्री से की जिस पर पर्यटन मंत्री ने उनकी मांग को जायज बताते हुए पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया।

केन-बेतवा लिंक परियोजना का मॉडल तैयार

झांसी। बुंदेलखंड की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना ने अपना कागजी सफर पूरा कर लिया है। राष्ट्रीय विकास अभिकरण नई दिल्ली (जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय) ने परियोजना का मॉडल भी तैयार कर लिया है। इस मॉडल को इसी माह झांसी लाया जाएगा। उम्मीद है कि नए साल की शुरूआत में इस परियोजना का शिलान्यास हो जाएगा।
बुंदेलखंड की सूखी धरती को हरा-भरा करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2008 में केन-बेतवा लिंक परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया था। बाद में बुंदेलखंड के सूखा क्षेत्र के विकास के लिए इसे प्रधानमंत्री के पैकेज में शामिल कर लिया गया। इस परियोजना की अनुमानित लागत 9393 करोड़ आंकी गई। परियोजना के तहत लिंक नहर की कुल लंबाई 221 किलोमीटर होगी, जिसमें दो किलोमीटर की सुरंग भी बनेगी। बरसात में केन नदी से आने वाले पानी को रोकने के लिए खजुराहो के निकट गंगऊ वियर से ढाई किलोमीटर दूर दौधन बांध बनेगा।
77 मीटर ऊंचे इस बांध की क्षमता 2953 मीट्रिक घन मीटर होगी। बांध पर 78 मेगावाट क्षमता की दो विद्युत उत्पादन इकाइयां भी स्थापित होंगी। इनमें एक उत्पादन इकाई बांध पर और दूसरी दो किलोमीटर दूर बनने वाली सुरंग के पास स्थापित होगी। यहां से आने वाला पानी बरुआसागर झील में मिलने के बाद बेतवा नदी में पहुंचेगा। परियोजना के अंतर्गत 1700- 1700 मिलियन घन मीटर पानी यूपी व एमपी को मिलेगा। हाल में राष्ट्रीय विकास अभिकरण नई दिल्ली ने परियोजना का मॉडल तैयार कर लिया है। 18/20 फीट के इस मॉडल को इस माह के अंत तक झांसी लाया जाएगा।
झांसी में इस मॉडल को राजघाट कालोनी स्थित नदी बेतवा परिषद कार्यालय प्रांगण में जन मानस के अवलोकनार्थ रखा जाएगा। संबंधित विभाग के अफसरों ने परियोजना का शिलान्यास नए साल की शुरूआत में करने व काम मार्च 2016 से पूर्व चालू होने की उम्मीद जताई है।
परियोजना से यह होंगे लाभ इस परियोजना से मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले की 3,69,881 हेक्टेअर तथा उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा व झांसी जिले की 2,65,780 हेक्टेअर भूमि सिंचित होगी। इसमें झांसी जिले की 6,35,661 हेक्टेअर कृषि भूमि शामिल है। इसके अलावा इस परियोजना के मार्ग में पड़ने वाली 13.42 लाख जनसंख्या को 49 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल भी उपलब्ध होगा।

 



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