केन-बेतवा लिंक परियोजना का मॉडल तैयार
झांसी। बुंदेलखंड की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा
लिंक परियोजना ने अपना कागजी सफर पूरा कर लिया है। राष्ट्रीय विकास अभिकरण
नई दिल्ली (जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय) ने परियोजना का
मॉडल भी तैयार कर लिया है। इस मॉडल को इसी माह झांसी लाया जाएगा। उम्मीद
है कि नए साल की शुरूआत में इस परियोजना का शिलान्यास हो जाएगा।
बुंदेलखंड की सूखी धरती को हरा-भरा करने
के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2008 में केन-बेतवा लिंक परियोजना को राष्ट्रीय
परियोजना घोषित किया था। बाद में बुंदेलखंड के सूखा क्षेत्र के विकास के
लिए इसे प्रधानमंत्री के पैकेज में शामिल कर लिया गया। इस परियोजना की
अनुमानित लागत 9393 करोड़ आंकी गई। परियोजना के तहत लिंक नहर की कुल लंबाई
221 किलोमीटर होगी, जिसमें दो किलोमीटर की सुरंग भी बनेगी। बरसात में केन
नदी से आने वाले पानी को रोकने के लिए खजुराहो के निकट गंगऊ वियर से ढाई
किलोमीटर दूर दौधन बांध बनेगा।
77 मीटर ऊंचे इस बांध की क्षमता 2953
मीट्रिक घन मीटर होगी। बांध पर 78 मेगावाट क्षमता की दो विद्युत उत्पादन
इकाइयां भी स्थापित होंगी। इनमें एक उत्पादन इकाई बांध पर और दूसरी दो
किलोमीटर दूर बनने वाली सुरंग के पास स्थापित होगी। यहां से आने वाला पानी
बरुआसागर झील में मिलने के बाद बेतवा नदी में पहुंचेगा। परियोजना के
अंतर्गत 1700- 1700 मिलियन घन मीटर पानी यूपी व एमपी को मिलेगा। हाल में
राष्ट्रीय विकास अभिकरण नई दिल्ली ने परियोजना का मॉडल तैयार कर लिया है।
18/20 फीट के इस मॉडल को इस माह के अंत तक झांसी लाया जाएगा।
झांसी में इस मॉडल को राजघाट कालोनी स्थित
नदी बेतवा परिषद कार्यालय प्रांगण में जन मानस के अवलोकनार्थ रखा जाएगा।
संबंधित विभाग के अफसरों ने परियोजना का शिलान्यास नए साल की शुरूआत में
करने व काम मार्च 2016 से पूर्व चालू होने की उम्मीद जताई है।
परियोजना से यह होंगे लाभ इस परियोजना से
मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले की 3,69,881 हेक्टेअर तथा
उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा व झांसी जिले की 2,65,780 हेक्टेअर भूमि
सिंचित होगी। इसमें झांसी जिले की 6,35,661 हेक्टेअर कृषि भूमि शामिल है।
इसके अलावा इस परियोजना के मार्ग में पड़ने वाली 13.42 लाख जनसंख्या को 49
मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल भी उपलब्ध होगा।
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